Menu
blogid : 15855 postid : 738318

प्रतीक्षा !!!कविता !!!

swarnvihaan
swarnvihaan
  • 131 Posts
  • 1380 Comments

तुम्हारी –
प्रतीक्षा के सुमन ,
निष्ठुर वर्जनाओं की भेंट ,
चढ़ चुके हैं !
तुम्हारी आहटों का फरेब ,
अकस्मात ही ,
असफल कर देता है ,
राक्षसी परम्परा से,

समझौते का

सारा प्रयास !
अवचेतना में साकार
विगत स्मृतियों के शत-शत प्रतिबिम्ब !
अतृप्ति की अनुभूति से !
आहत/बोझिल/पस्त ,
पुकार उठते है ,
अपनी दयनीय असमर्थता मॆ !
तब ढह जाता है ,
एक ही पल में ,धीरज का कृत्रिम ,
रेतीला स्तूप !
और –
अस्तित्व का कण-कण ,
किसी अजनबी आशंका से ,
आंदोलित हो उठता है !
फिर,
सहज ही संभव नही हो पाता !
परिस्थितियों की निष्ठुर ,
सकारात्मकता के समक्ष,
वर्तमान के,
अभिशापित सत्य से जुड़ना !
कठोर ,
विषमता के इसी क्षण में ,
शायद ,
तुम्हारे परिचय के ध्वंसावशेषों को ,
एक उदास और अंतिम
विदा देते हुए,
सदा के लिए ,डुबो दिया है मैंने ,
हताशा के गहन
अंधकूप में!
सुख की प्रत्येक ,
सिहरन से अज्ञात !
अपनी –
पहचान का हर चिन्ह !!

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh