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‘सुब्रत राय ने आत्म समर्पण कर दिया !और पुलिस दल द्वारा उन्हें कोर्ट में पेश करके ,गेस्ट हॉउस में पुलिस अभिरक्षा में रखा गया है ….’यह उत्तर प्रदेश की एक मुख्य सनसनी खेज खबर थी ! पर सुब्रत राय अर्थात सहारा श्री के विषय में अनेकों भ्रांतियाँ और अनर्गल दुष्प्रचार भी जन मानस में प्रचारित है , जिनमेँ नकारात्मक ही अधिक है ! उनका सहारा समूह संभवत: देश का दूसरा या तीसरा सबसे बड़ा नौकरियों का प्राइवेट सेक्टर प्लेट फॉर्म है , जहाँ बारह लाख सहारा परिवार के कार्य कर्ता अपनी रोजी रोटी कमाते है ! यह भी सही है ,कि जो उनके यहाँ नौकरी करता है ,उसे वे अपने परिवार का हिस्सा मानते है !और इसी आधार पर वह सहारा समूह को विश्व का सबसे बड़ा परिवार कहते है ! पर इन सत्यापित कार्य कर्ताओ के अतिरिक्त बहुत से वेंडर्स ,और सप्लायर्स ,और उनकेभी पीछे उनके कारीगरों मजदूरो की एक विशाल संख्या भी है ,जो सहारा से बरसो बरस से ,अबाधित और लगातार रोजगार पा रही है !अत: सहारा समूह देश की बहुत बड़ी जीवन प्रदाता रोजगार देने वाली कंपनी है !यह सब कम ही लोग जानते है ! ये सप्लायर्स और वेंडर्स सहारा को उन हजारों वस्तुओं की आपूर्ति करते है ,जो इतनी बड़ी संस्था को चलाने के लिये आवश्यक है ! इस तरह अनुमानत: तीस -बीस लाख जन समुदाय की रोजी -रोटी इससे चलती है, और वे इस समूह पर पूर्णत: निर्भर है !सहारा श्री अपने यहाँ नौकरी करने वालो को भी ,और स्वयं को भी कार्यकर्ता ही कहते है भले ही वह प्रमुख कार्यकर्ता हों !यह वह मान है ,जो सब को एक साथ, एक सम भाव में बांध देता है !
वे प्रतिवर्ष एक सौ एक निर्धन कन्याओं का कन्यादान भी करते है ,और उनका विवाह करके उन्हें बेटी के समान ही दान दहेज़ और आशीर्वाद देकर विदा करते है !सहारा के कार्य कर्ताओ की इतनी बड़ी संख्या में होने के बाद भी ,न कोई वहाँ यूनियन बाजी होती है ,और न ही कोई हड़ताल !
सब कुछ शान्ति पूर्वक अनुशासित ,और व्यवस्थित रुप से संपन्न होता रहता है ! सबको समय से पैसा और वेतन भी क्रमबद्ध तरीके से मिलता है !अभी सर्वाधिक मानवो की संख्या में एक साथ राष्ट्रगान गाने का भी विश्व रिकार्ड सहारा के नाम दर्ज हुआ है !महिलाओं की भी बड़ी संख्या सहारा में कार्य रत है !पर कभी उनसे कोई दुर्व्यवहार ,या शारीरिक शोषण जैसी कोई घटना ,या बलात्कार की कोई घटना नही हुई !इतनी बड़ी बात है , आज के समय में !कोई विशवास नही करेगा ! देश में जहाँ रोज ही हजारों बलात्कार कांड या छेड़ छाड़ की घटनायें ,कार्यस्थल पर होती है ! वहाँ सहारा समूह के लिये ऐसा अनुशासित वातावरण गौरव की बात है ! यही उनकी अनोखी सुव्यवस्थित कार्य शैली का करिश्मा है !
अभी ‘आप ‘के नेता प्रशांतभूषण ने कहा ,कि उनका हजारों करोड़ रूपया यू के से ट्रांसफर होकर दुबई जा रहा है ,पर कभी उन्होंने यह बताया कि कितना धन सोनिया जी का ,अम्बानी का ,और केन्द्रीय मंत्रियो का कहाँ-कहाँ ट्रांसफर हुआ है ?कौन कितना दूध का धुला है,यह बताने की उनको जरुरतनही है !जान बूझ कर किसी विशेष व्यक्ति को ही निशाना बनाना ठीक नही !यही सब रामदेव के साथ हो चुका है !बालकृष्ण को तो जेल में बहुत दिन रहना भी पडा है !सुब्रत राय कोई अपराधी नही है ! वित्तीय अनियमितता ,का दोष उन पर है ,पर वह सेबी को कुछ किश्ते दे भी चुके है !सच का उद्घाटन तो समय कर ही देगा ! बहुत उच्च स्तरीय संस्थाओ में भी, ऐसी घटनायें संख्या बल के कारण हो जाती है ! सहारा कोई अपवाद तो नही है ! बड़े बड़े काला धन के चोरबाजारी ,घुसपैठिये ,सरकार के सर पर बैठ कर मलाई काट रहे है ! मंत्रियो के नाश्ते का साल में करोडो में जब खर्च आता है ,तब प्रशांत जी कहाँ रहते है ? इतना तो तय है ,कि यदि सुब्रत राय का सिंहासन हिला, तो कम से कमउत्तर प्रदेश में भूचाल आ जायेगा !सरकार किसी एक को भी समायोजित करके नौकरी दे नही सकती !कितना मानसिक तनाव और क्षोभ है ! सहारा परिवार के उन सभी कार्य कर्ताओ में ,और अन्य कारोबारियों में ,जो किसी न किसी भांति सहारा से जुड़े है !और नियमित रोजगार के कारण उनके जीवन में स्थिरता आ गयी थी ! उनके बारे में सेबी ने क्या सोचा है ?लेकिन यदि सहारा समूह ने कहा है ,कि वह अगले दो सालो में छप्पन हजार नौकरियाँ देगी,तो जरुर देगी ! लगभग उद्योग विहीन उत्तर प्रदेश केवल सहारा से ही बहुत सहारा पाता रहा है ! कनाडा से किसी ने सही ही ट्वीट किया था ,’कि भारत एक अजीबो गरीब देश है ,जहाँ जनता का पैसा लेकर बोरिया बिस्तर समे ट कर ,भाग जाने वाली कम्पनी का कुछ नह़ी किया जाता ,पर जो कम्पनी अपनी जन्मभूमि से जुडी रह कर ,जन गण के साथ मिल कर कार्य करती है ,उसके पीछे सरकार पड़ी रहती है !’
जिन्हें पुरस्कार मिलना चाहिए ,उन्हें दंड दिया जाता है !
लोगो में बहुत भ्रम है , सहारा पलायन नही कर सकती ,उसकी कर्म भूमि भारत है , सहारा श्री एक देशभक्त है !आखिर सहारा की दलील में कुछ तो दम होगा !सेबी आखिर क्यों नह़ी ,उनकी कोई बात सुनती ,पिछले छत्तीस वर्षो से किसी ने उसे आरोपित भी नही किया !कार्पोरेट ,सामाजिक दायित्यो के ,निर्वाह से लेकर खेलो के प्रोत्साहन तक ,वह देश हित में काम करती रही है !सहारा समूह के बारह लाख कार्यकर्ता और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़े लोंगों का हित भी ध्यान में रख कर ,सुप्रीम कोर्ट को मानवीयता के आधार पर ही कोई निर्णय लेना चाहिए !बहुत ही संवेदन शील मसले की तरह इसे सुलझाने की आवश्यकता है !!
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